वॉयस ऑफ़ ए टू जेड न्यूज़:-नगर निकाय चुनाव को शहरी क्षेत्र में 2024 लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है। यही कारण है कि पार्टी ने इस बार सभी वार्डों और निकायों में अध्यक्ष पद पर प्रत्याशी उतारने का फैसला किया है। योगी सरकार और भाजपा बीते तीन महीने से चुनाव की तैयारी में जुटे हैं।
निकाय चुनाव के जरिये भाजपा पश्चिम से पूरब और अवध से बुंदेलखंड तक लोकसभा चुनाव 2024 के लिए सामाजिक समीकरण साधेगी। जिला मुख्यालय के नगर पालिका परिषद अध्यक्ष और महापौर चुनाव में सभी प्रमुख अगड़ी, पिछड़ी और दलित जातियों को प्रतिनिधित्व देकर पीएम मोदी के ‘सबका साथ-सबका विकास और सबका विश्वास’ के संदेश को सार्थक करने की तैयारी है।
नगर निकाय चुनाव को शहरी क्षेत्र में 2024 लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है। यही कारण है कि पार्टी ने इस बार सभी वार्डों और निकायों में अध्यक्ष पद पर प्रत्याशी उतारने का फैसला किया है। योगी सरकार और भाजपा बीते तीन महीने से चुनाव की तैयारी में जुटे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जहां मंडल मुख्यालयों में प्रबुद्ध सम्मेलनों, उद्घाटन व शिलान्यास के जरिये निकाय चुनाव का माहौल तैयार कर रहे हैं। वहीं, पार्टी बूथ स्तर पर कमर कसी है। पार्टी नेताओं का मानना है कि चुनाव में सभी प्रमुख जातियों को महापौर और निकाय अध्यक्ष पद पर प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए। बृज क्षेत्र में आगरा नगर निगम महापौर सीट एससी महिला के लिए आरक्षित हुई है। पश्चिमी यूपी में जाटव वोट बैंक पर कब्जा जमाने के लिए पार्टी आगरा में जाटव महिला को प्रत्याशी बना सकती है। मथुरा-वृंदावन महापौर के पद पर ओबीसी महिला की ताजपोशी होगी। मथुरा में जाटों की संख्या अधिक होने के चलते यहां जाट महिला को मौका दिया जा सकता है। शाहजहांपुर नगर निगम में महापौर पद पर पहली बार चुनाव होगा। निगम में करीब 43 फीसदी मुस्लिम मतदाता होने के कारण पार्टी इस सीट पर ध्रुवीकरण के लिए ब्राह्मण या ठाकुर को उम्मीदवार बना सकती है। पार्टी का मानना है कि वहां ध्रुवीकरण से ही चुनाव जीता जा सकता है। बरेली नगर निगम में सामान्य वर्ग की सीट पर पार्टी ब्राह्मण, वैश्य या पंजाबी जाति के प्रत्याशी उतार सकती है। अलीगढ़ नगर निगम में ओबीसी महिला की सीट पर पार्टी लोधी महिला को चुनाव लड़ा सकती है। फिरोजाबाद नगर निगम में भाजपा राठौर (तेली) या ब्राह्मण समाज के प्रत्याशी को चुनाव लड़ा सकती है। कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र की कानपुर नगर निगम में पार्टी ब्राह्मण या ठाकुर समाज के प्रत्याशी को मौका दे सकती है। झांसी नगर निगम एससी के लिए आरक्षित हुई है। बुंदेलखंड के कोरी और खटीक वोट बैंक को संदेश देने के लिए पार्टी झांसी में कोरी, खटीक या धोबी समाज के प्रत्याशी को मैदान में उतार सकती है। अवध क्षेत्र की लखनऊ नगर निगम महापौर पद अनारक्षित रहने से पार्टी यहां ब्राह्मण, वैश्य या कायस्थ समाज को मैदान में उतार सकती है। अयोध्या नगर निगम में पार्टी ब्राह्मण, कायस्थ या ठाकुर महिला को उतार सकती है। वैसे यहां कुर्मी नेता भी अपनी पत्नी के लिए टिकट मांग रहे हैं। पश्चिम क्षेत्र में मेरठ नगर निगम पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षित होने से वहां पार्टी जाट, प्रजापति, जट सिख, गुर्जर में से किसी जाति को साधने की कोशिश कर सकती है। सहारनपुर महापौर सीट महिला के लिए आरक्षित है। पार्टी यहां दलित महिला को चुनाव लड़ाकर पश्चिमी यूपी के दलित वोट बैंक को साध सकती है। हालांकि एक वर्ग पंजाबी महिला को भी मौका देने का पक्षधर है। गाजियाबाद में ब्राह्मण और मुरादाबाद में वैश्य वर्ग पर दांव खेल सकती है। पूर्वांचल में पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में महापौर पद अनारक्षित है। वहां पार्टी ठाकुर, वैश्य, ब्राह्मण या भूमिहार को प्रत्याशी बना सकती है। सीएम योगी वहां किसी कायस्थ, वैश्य या पिछड़ी जाति को मौका दे सकते हैं। काशी क्षेत्र की प्रयागराज सीट पर पार्टी ओबीसी गुप्ता, साहू या मौर्य समाज को साधने की कोशिश कर सकती है।